पौष मास की पूर्णिमा बहुत ही शुभ मानी जाती है। इसी पूर्णिमा के बाद माघ का महीना शुरू होता है। साथ ही माघ मास में किया जाने वाला स्नान भी पौष
पूर्णिमा से प्रारंभ होता है। इस दिन शाकंभरी जयंती भी मनाई जाती है। जैन धर्म के मानने वाले भी इसी दिन से पुष्यभिषेक यात्रा शुरू करते हैं।
ज्योतिषी सुनील चोपड़ा ने बताया कि पौष माह में शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को पौष पूर्णिमा कहा जाता है। इस महीने पौष पूर्णिमा 17 जनवरी को मनाई जाएगी।
इस दिन जो व्यक्ति नित्य प्रात: स्नान कर व्रत और पूर्णिमा की विधि विधान से पूजा करता है, उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। माघ का महीना बहुत ही शुभ माना जाता है
जिसके कारण इस महीने का हर दिन बहुत ही शुभ होता है। इसलिए इस महीने में किसी भी दिन जो भी काम शुरू किया जाता है वह फलदायी माना जाता है।
पौष पूर्णिमा व्रत विधि: इस दिन प्रात:काल पवित्र नदियों के तट पर स्नान करें, फिर पौष पूर्णिमा व्रत के संकल्प के साथ व्रत करें।
फिर मंदिरों में या अपने घर में भगवान विष्णु की पूजा करें। विष्णु पूजा पूरी करने के बाद भक्त को सत्यनारायण कथा का पाठ करना चाहिए।
पूजा के दौरान गायत्री मंत्र या ‘O नमो नारायण’ मंत्र का 108 बार जाप करना चाहिए। पूजा के बाद जरूरतमंदों को भोजन और वस्त्र दान करें।