शनि का नाम आते ही चिंता और तनाव का माहौल बन जाता है। शनि को ग्रहों का न्यायाधीश कहा गया है। इसलिए शनि व्यक्ति को उसके कर्मों के आधार पर शुभ और अशुभ फल देता है।
शनि का शनि
धनु, मकर और कुम्भ इस समय शनि के मध्य में हैं। ज्योतिष शास्त्र में शनि का शनि बहुत कष्टदायक माना गया है। जिस राशि पर शनि आधा होता है,
उसे धन की हानि, नौकरी और व्यवसाय में हानि, तलाक, वाद-विवाद, मानहानि, रोग जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
शनि की ढैया
मिथुन और तुला राशि में शनि की छाया है। ढाई साल के लिए शनि की ढैया आती है। इस अवस्था में शनि देव व्यक्ति को व्याकुलता, मानसिक तनाव,
वाणी दोष, क्रोध, पदोन्नति से वंचित करते हैं। धन हानि और कर्ज की समस्या भी शनि देव द्वारा प्रदान की जाती है।